Thursday, August 28, 2014

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रंगकर्मी मंजुल भारद्वाज

पुष्पगंधा एक त्रैमासिक हिंदी पत्रिका है। अगस्त-अक्टूबर 2014 का अंक यानी नवीनतम अंक मेरे पास है। विकेश निझावन इसके संपादक हैं।
यह अंक विशेष इसलिए है कि यह अंक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रंगकर्मी मंजुल भारद्वाज की यात्रा और सृजनशीलता का दस्तावेज हमारे सामने प्रकट करता है। संयोजन और प्रस्तुति संतोष श्रीवास्तव का है। संतोष बधाई की अधिकारिणी है कि उन्होंने कम स्पेस घेरकर मंजुल भारद्वाज को समग्र तौर पर प्रस्तुत करने में सफल रही हैं।
Dhananjay Kumar

Manjul Bhardwaj’s new Marathi Play ‘Lok-Shastra Savitri ' the Yalgar of Samta !

  Manjul Bhardwaj’s new Marathi Play ‘Lok-Shastra Savitri ' the Yalgar of Samta ! - Kusum Tripathi When I received a call from my old fr...